🎄🌹आभार - जेडी व्यास🌹🎄
🌿🌻[भारत में रेलों की शुरुआत 1853 में अंग्रेजों द्वारा अपनी प्राशासनिक सुविधा के लिये की गयी थी]
🌿🌻परंतु आज भारत के ज्यादातर हिस्सों में रेलवे का जाल बिछा हुआ है और रेल, परिवहन का सस्ता और मुख्य साधन बन चुकी है।
🌿🌻सन् 1853 में बहुत ही मामूली शुरूआत से जब[पहली अप ट्रेन ने मुंबई से थाणे तक (34 कि॰मी॰ की दूरी) की दूरी तय की थी,]
🌿🌻अब भारतीय रेल विशाल नेटवर्क में विकसित हो चुका है।जेडी
🌿🌻 इसके64,640 कि.मी.मार्ग की लंबाई पर 7,133स्टेशन फैले हुए हैं।
🌿🌻 उनके पास
🎈7,910 इंजनों का बेड़ा हैं;
🎈42,441 सवारी सेवाधान,
🎈5,822 अन्य कोच यान,
🎈 2,22,379 वैगन (31मार्च 2005 की स्थिति के अनुसार)।
🌿🌻[ भारतीय रेल बहुल गेज प्रणाली] है;
🌿🌻जिसमें
🎈ब्राॅड गेज (1.676 मि मी)
🎈मीटर गेज (1.000 मि मी);
🎈और नैरो गेज (0.762 मि मी.
🎈और 610 मि. मी)है,
🌿🌻उनकी पटरियों की लंबाई क्रमश:
🎈89,771 कि.मी;
🎈15,684 कि॰मी॰ और
🎈 3,350 कि॰मी॰ है।
🌿🌻 जबकि गेजवार मार्ग की लंबाई क्रमश:
🎈47,749 कि.मी;
🎈12,662 कि॰मी॰ और
🎈3,054 कि॰मी॰ है।
🌿🌻कुल चालू पटरियों की लंबाई
🎈84,260कि॰मी॰ है जिसमें से
🎈67,932 कि॰मी॰ ब्राॅड गेज,
🎈13,271 कि॰मी॰ मीटर गेज और
🎈3,057 कि॰मी॰ नैरो गेज है।
🌿🌻लगभग मार्ग किलो मीटर का 28 प्रतिशत, चालू पटरी 39 प्रतिशत और 40 प्रतिशत कुल पटरियों का विद्युतीकरण किया जा चुका है।