इस बार ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में 'नन ऑफ द अबव' यानी 'नोटा' का विकल्प भी दिया गया है। अगर भ्रष्ट या नकारा होने के कारण वोटर किसी प्रत्याशी को वोट नहीं देना चाहता, तो वह 'नोटा' का बटन दबा सकता है।
👉 पहचान भी नहीं होगी जाहिर :-
2013 में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अगर कोई वोटर किसी उम्मीदवार को अपना वोट नहीं देना चाहता था, तो उसे अलग से एक फॉर्म भरना होता था और अपनी पहचान बतानी होती थी। वहीं, अब ईवीएम में 'नोटा' विकल्प होने से पहचान भी जाहिर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
👉 पहली बार कब आया 'नोटा' :-
2013 में 11 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार 'नन ऑफ द अबव' यानी 'नोटा' का विकल्प रखा गया। पहली बार मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में 'नोटा' का विकल्प देखा था।
क्या है 'नोटा'.
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